तुम्हे तो पता ही है की मेरी फोटो अच्छी नहीं आती।
अच्छा!!! कभी मेरी आँखों में देखा है।
हाँ। पर वहां तो या उदासी होती है या मैं।
और नहीं तो क्या। जब तुम नहीं रहोगे तो उदासी ही रहेगी।
ह्म्म्म। शायद मेरी फोटो अब कभी अच्छी ना आये।
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अच्छी wine का असर देर से होता है।
जैसे तुम्हारी याद। अब जा के दर्द दे रही है।
और ये ख़ालीपन। जो अब भर नहीं रहा।
अब समझ में आयी तुम्हारी आँखों की उदासी।
मैंने किसी और की आँखों में देखा।
अब भी मेरी फोटो अच्छी नहीं आती।
ओह्ह। कसूर फोटो का नहीं मेरी आँखों का ही है।
न ये तब अच्छा देख पाए, न अब अच्छा देख पाएंगे।
--- अतुल रावत
Ye sab likha hai ya chipkaya hua?
ReplyDeleteHaan khud hi likha hai?
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