Wednesday, June 4, 2014

बावरा मन देखने चला एक सपना

बावरे से मन की देखो बावरी हैं बातें
बावरी से धड़कने हैं, बावरी हैं साँसें
बावरी सी करवटों  से, निंदिया दूर भागे
बावरे से नैन चाहे, बावरे झरोखों से, बावरे नजारों को तकना
बावरा मन देखने चला एक सपना

बावरे से इस जहाँ मैं बावरा एक साथ हो
इस सयानी भीड़ मैं बस हाथों में तेरा हाथ हो
बावरी सी धुन हो कोई, बावरा एक राग हो
बावरे से पैर चाहें, बावरें तरानो के, बावरे से बोल पे थिरकना
बावरा मन देखने चला एक सपना

बावरा सा हो अंधेरा, बावरी खामोशियाँ
थरथराती लौ हो मद्धम, बावरी मदहोशियाँ
बावरा एक घुंघटा चाहे, हौले हौले बिन बताये, बावरे से मुखड़े से सरकना
बावरा मन देखने चला एक सपना

--- स्वानंद किरकिरे

https://www.youtube.com/watch?v=QNB4ah9r79M

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